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Wednesday, May 11, 2016

शुक्राणु की कमी के कारण शुक्राणु बढ़ाने की दवा शुक्राणु की जांच निल शुक्राणु का ईलाज शुक्राणु की संख्या nil shukranu ka ilaj शुक्राणु बढ़ाने वाला अचूक नुस्ख़ा शक्रवल्लभ रस

शुक्राणुहीनता AZOOSPERMIA NIL SPERM निल शुक्राणु  

एजुस्पर्मिया का रामबाण इलाज

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प्रश्न: निल शुक्राणु क्या होता है? (Nil Shukranu Kya Hota Hai) 

उत्तर:निल शुक्राणु का मतलब होता है किसी पुरुष के वीर्य में शुक्राणु का ना होना यानि शुक्राणु की संख्या शून्य हो जाती है।


क्या है पुरूष निःसंतानता के कारण

पुरूष निःसंतानता के कारण - निःसंतानता, महिला में निःसंतानता, पुरूषों में निःसंतानता, आईवीएफ प्रक्रिया, इक्सी, संतान सुख, आईवीएफ की सफलता दर, निःसंतान दम्पति, निल शुक्राणु.

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पुरुष दिखनें में स्वस्थ हो ताकतवर हो लेकिन उसके शुक्राणु अगर कमजोर हैं तो वो गर्भ धारण नहीं करवा सकते - तो जानें वीर्य में स्वस्थ शुक्राणुओं को बढ़ाने के चंद उपाय - पुरुष के वीर्य में शुक्राणु होते हैं ये शुक्राणु स्त्री के डिम्बाणु को निषेचित कर गर्भ धारण के लिये जिम्मेदार होते हैं - वीर्य में इन शुक्राणुओं की तादाद कम होने को शुक्राणु अल्पता की स्थिति कहा जाता है। शुक्राणु अल्पता को ओलिगोस्पर्मिया कहते हैं लेकिन अगर वीर्य में शुक्राणुओं की मौजूदगी ही नहीं है तो इसे एज़ूस्पर्मिया संग्या दी जाती है ऐसे पुरुष संतान पैदा करने योग्य नहीं होते हैं। वीर्य में स्वस्थ शुक्राणुओं की तादाद कम होने के निम्न कारण हो सकते हैं-- 
* वीर्य का दूषित होना 


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* अंडकोष पर गरमी के कारण वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या कम हो जाती है। ज्यादा तंग अन्डर वियर पहिनने,गरम पानी से स्नान करने, बहुत देर तक गरम पानी के टब में बैठने और मोटापा होने से शुक्राणु अल्पता हो जाती है। 
* हस्तमैथुन से बार बार वीर्य स्खलित करना 
* थौडी अवधि में कई बार स्त्री समागम करना 
* अधिक शारीरिक और मानसिक परिश्रम करना 
* ज्यादा शराब सेवन करना * अधिक बीडी सिगरेट पीना 


निल शुक्राणु का घरेलू इलाज

* गुप्तांग की दोषपूर्ण बनावट होना * शरीर में ज़िन्क तत्व की कमी होना 
* प्रोस्टेट ग्रंथि के विकार * वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बढाने के लिये निम्न उपाय करने का परामर्ष दिया जाता है-- * दो संभोग या हस्त मैथुन के बीच कम से कम ४ दिन का अंतराल रखें। * नियमित व्यायाम और योग करें। * शराब और धूम्रपान त्याग दें। 


निल शुक्राणु का रामबाण इलाज 

* अधिक तीक्छण मसालेदार , अम्लता प्रधान और ज्यादा कडवे भोजन हानिकारक है। * ११ बादाम रात को पानी में भिगो दें। सुबह में छिलकर ब्लेन्डर में आधा गिलास गाय के दूध मे,एक चुटकी इलायची,केसर,अदरख भी डालकर चलाएं। यह नुस्खा वीर्य में शुक्राणुओं की तादाद बढाने का अति उत्तम उपाय है। * सफ़ेद प्याज का रस २ किलो निकालें ,इसमें एक किलो शहद मिलाकर धीमी आंच पर पकाएं। जब सिर्फ़ शहद ही बच जाए तो आंच से अलग करलें ।


निल शुक्राणु का सफल उपचार

 इसमें ५०० ग्राम सफ़ेद मूसली का चूर्ण मिलाकर कांच या चीनी मिट्टी के बर्तन में भर लें। सुबह-शाम दो १० से २० ग्राम की मात्रा में लेते रहने से वीर्य में शुक्राणुओं का इजाफ़ा होता है और नपुंसकता नष्ट होती है। 
सफ़ेद मूसली का चूर्ण


निल शुक्राणु का सफल हर्बल उपचार

* गाजर का रस २०० ग्राम नित्य पीने से शुक्राणु अल्पता में उपकार होता है । * शतावर और असगंध के ५ ग्राम चूर्ण को एक गिलास दूध के साथ पीना बेहद फ़ायदेमंद है। * कौंच के बीज,मिश्री,तालमखाना तीनों बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बनालें। ३-३ ग्राम चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शुक्राणु अल्पता समाप्त होकर पुरुषत्व बढता है। * गोखरू को दूध में ऊबालकर सुखावें। यह प्रक्रिया ३ बार करें। फ़िर सुखाये हुए गोखरू का चूर्ण बनालें। ५ ग्राम की मात्रा में उपयोग करने से मूत्र संस्थान के रोग ,नपुंसकता और शुक्राणु अल्पता मे आशातीत लाभ होता है।

निल शुक्राणु की होम्योपैथिक दवा 

* याद रहे सुबह ४ बजे और अपरान्ह में शरीर में शुक्राणुओं का स्तर उच्चतम रहता है। अत: गर्भ स्थापना के लिये ये समय महत्व के हैं। 

शुक्राणु का ईलाज शुक्राणु की संख्या


निल शुक्राणु क्या है

* मशरूम में प्रचुर ज़िन्क होता है इसके सेवन से वीर्य में शुक्राणु बढते हैं ।इसमे डोपेमाईन होता है जो कामेच्छा जागृत करता है। * भोजन में लहसुन और प्याज शामिल करें। शुक्राणु की गुणवत्ता बढाने के लिए यह करे उपाय..... * अखरोट खाने से पुरूषों में शुक्राणुओं की संख्या और उसकी गुणवत्ता दोनों बढ सकती है। 


निल शुक्राणु बढ़ाने के घरेलू उपाय 

* वैज्ञानिकों ने 20 से 30 वर्ष उम्र सीमा के युवकों के एक समूह को तीन महीने के लिए रोज 75 ग्राम अखरोट खाने को कहा। अनुसंधानकर्ताओंने पाया कि अखरोट नहीं खाने वाले पुरूषों की तुलना में ऎसा करने वाले पुरूषों के शुक्राणुओं की संख्या में और उसकी गुणवत्ता दोनों में बढोतरी हुई और उनके पिता बनने की संभावनाएं भी बेहतर हुईं। * अनुसीअनसेचुरेटेड वसा का मुख्य स्त्रेत है। अखरोट में मछली में पाया जाने वाला ओमेगा-3 और ओमेगा-6 भी पर्याप्त मात्र में होता है। Image result for निल शुक्राणु क्या है


शुक्राणु निर्माण

* माना जाता है कि यह दोनों शुक्राणु के विकास और उसकी कार्यप्रणाली के बहुत महत्वपूर्ण होते हैं लेकिन ज्यादा पश्चिमी व्यंजनों में इसका अभाव होता है। प्रत्येक छह में से एक दंपति को गर्भधारण करने में समस्या आती है और ऎसा माना जा रहा है कि इसमें 40 प्रतिशत मामले पुरूष के शुक्राणु के कारण आते हैं।

निल शुक्राणु क्या है?
निल शुक्राणु या एजुस्पर्मिया एक ऐसी स्थिति है, जिसमें व्यक्ति द्वारा स्खलन के दौरान निकाले गए वीर्य में कोई शुक्राणु उपस्थित नहीं होता है। वैसे तो निल शुक्राणु कोई सामान्य स्थिति नहीं है और इसके बहुत ही कम मामले देखे जाते हैं, लेकिन यह पुरुषों में बांझपन का एक गंभीर रूप हो सकता है।
शुक्राणु निल का दवा

निल शुक्राणु के प्रकार - Types of Azoospermia in Hindi निल शुक्राणु के कितने प्रकार हैं?

एजुस्पर्मिया के मुख्य रूप से दो प्रकार होते हैं:
  • ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया:
    इस स्थिति में शुक्राणु तो सामान्य रूप से बनते रहते हैं, लेकिन दोनों वृषणों के प्रजनन पथ (या नलिकाएं) पूरी तरह से रुक जाते हैं। इसके कारण शुक्राणु आकर वीर्य में मिल नहीं पाते और परिणामस्वरूप पूरी तरह से अनुपस्थि हो जाते हैं। कुछ लोगों को दोनों तरफ के वृषणों में अलग-अलग समस्याएं भी हो सकती हैं।
     
  • नोन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया:
    यह शुक्राणुओं की कमी जैसी ही एक स्थिति है। इस स्थिति में पुरुष इतने शुक्राणु नहीं बना पाता जिनकी वीर्य में पहचान की जा सके या फिर शुक्राणु बनना पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। पहले नोन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया का इलाज करना काफी कठिन होता था, लेकिन आजकल काफी एडवांस ट्रीटमेंट उपलब्ध हो गए हैं, जिनकी मदद से इस स्थिति का इलाज करना काफी हद तक संभव हो गया है। उचित तरीके से इलाज होने पर कुछ मामलों में पुरुष के शरीर में सामान्य रूप से शुक्राणु बनने लग जाते हैं।

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निल शुक्राणु क्यों होता है?


एजुस्पर्मिया कई अलग-अलग कारणों से विकसित हो सकता है, जो मुख्य रूप से उसके प्रकार पर निर्भर करता है। निल शुक्राणु के अलग-अलग प्रकार विकसित होने के कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं।


ऑबस्ट्रक्टिव एजुस्पर्मिया:

यह स्थिति तब पैदा होती है जब पुरुष के शरीर में सामान्य रूप से शुक्राणु बनने के बावजूद भी वह स्खलन के दौरान बाहर नहीं आ पाता है। यह मुख्य रूप से किसी प्रकार की रुकावट के कारण हो सकता है, जो आमतौर पर निम्न जगह पर हो सकती है:


वृषण का वह हिस्सा जहां पर शुक्राणु परिपक्व होते हैं, इसे एपिडिडमिस (Epididymis) कहा जाता है।

वह नलिका जो स्खलन के दौरान शुक्राणुओं को वैस डेफरेंस तक पहुंचाती है, वैस डेफरेंस ट्यूब शुक्राणुओं को मूत्र मार्ग तक पहुंचाने का काम करती है।

दोनों सिरों से अन्य किसी ट्यूब में खुलने वाली नलिका, जिसे इजेक्युलेटरी डक्ट्स भी कहा जाता है।

यह ब्लॉकेज किसी प्रकार की चोट लगने, संक्रमण होने, किसी प्रकार की आनुवंशिक असामान्यता या फिर पहले की गई सर्जरी के कारण भी हो सकता है।

नोन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया:


यह ऐसी स्थिति है जिसमें पुरुष के शरीर में शुक्राणु बिलकुल ही नहीं बन पाते हैं या फिर इतनी कम मात्रा में बनते हैं जो वृषणों से बाहर तक ही नहीं निकल पाते हैं। नोन-ऑब्सट्रक्टिव एजुस्पर्मिया के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, जिनमें मुख्य रूप से हार्मोन संबंधी समस्याएं, पहले कभी हुआ संक्रमण, गुप्तवृषणता, वृषण मरोड़ या किसी प्रकार की चोट लगना, वृषण में आनुवंशिक या जन्मजात असामान्यता होना या वैरीकोसील (अंडकोष की थैली की एक नस का आकार बढ़ना) आदि शामिल हैं। शुक्राणु हीनता का इलाज
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