Thursday, January 30, 2020

Hanuman Aarti: हनुमानजी की आरती: आरती कीजै हनुमान लला की

Hanuman Aarti: हनुमानजी की आरती: आरती कीजै हनुमान लला की

Image result for हनुमान"

आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई। सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥

आरती कीजै हनुमान लला की।
 

दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारि सिया सुधि लाए॥
लंका सो कोट समुद्र-सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई॥
आरती कीजै हनुमान लला की।



लंका जारि असुर संहारे। सियारामजी के काज सवारे॥
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे। आनि संजीवन प्राण उबारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की।


पैठि पाताल तोरि जम-कारे। अहिरावण की भुजा उखारे॥
बाएं भुजा असुरदल मारे। दाहिने भुजा संतजन तारे॥
आरती कीजै हनुमान लला की।

सुर नर मुनि आरती उतारें। जय जय जय हनुमान उचारें॥
कंचन थार कपूर लौ छाई। आरती करत अंजना माई॥
आरती कीजै हनुमान लला की।


जो हनुमानजी की आरती गावे। बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥
आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥



Image result for हनुमान"

मारुतीची आरती - सत्राणें उड्डाणें हुंकार 

सत्राणें उड्डाणें हुंकार वदनीं । करि डळमळ भूमंडळ सिंधूजळ गगनीं ॥
गडबडिलें ब्रह्मांड धाकें त्रिभुवनीं । सुर नर निशाचर त्यां झाल्या पळणी ॥ १॥

जय देव जय देव जय हनुमंता । तुमचेनि प्रसादे न भीं कृत्तांता ॥ धृ ॥

दुमदुमली पाताळें उठिला प्रतिशब्द । थरथरला धरणीधर मानीला खेद ॥
कडकडिले पर्वत उडुगण उच्छेद । रामी रामदासा शक्तीचा बोध ॥ जय. देव. ॥ २॥

No comments:

Post a Comment