सैलरी अकाउंट से जुड़ी ये 5 महत्वपूर्ण बातें
खाता यानी सैलरी अकाउंट शब्द वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए अंजान नहीं है। यह एक प्रकार का बैंक खाता है, जहां वेतन जमा होता है। जैसा कि बचत खाता किसी के भी द्वारा खोला जा सकता है, सैलरी अकाउंट मालिक द्वारा कर्मचारियों के लिए खोला जाता है। कर्मचारियों के वेतन के हिसाब से भिन्न-भिन्न वेतन खाते होते हैं। अगर HDFC बैंक की बात करें तो यहां, प्रीमियम वेतन खाता, नियमित वेतन खाता, डिफेंस वेतन खाता, वेतन क्लासिक हैं। यहां हम आपको वेतन खाते के बारे में 5 बातें बताते हैं:
1) जीरो बैलेंस खाता: इस खाते की खासियत यह है कि यह एक ऐसा वेतन खाता है जिसमें न्यूनतम राशि बनाए रखने की जरूरत नहीं होती। जहां कि अन्य खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखना अनिवार्य होता है।
2) तरजीही सेवा और क्रेडिट कार्ड और ऋण की आसान उपलब्धता। ATM निकासी, ओवरड्राफ्ट सुविधा, डीमैट खाता आदि पर अन्य सेवाएं होंगी।
3) खाते में राशि पर कोई ब्याज भुगतान नहीं होता। वहीं बचत खाते में राशि पर 4 से 6 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है, जो कि बैंक पर निर्भर करता है कि आप कहां पर खोलते हैं।
4) परिवर्तनीयता: अगर वेतन 3 महीने तक क्रैडिट नहीं होती, तो इसे बचत खाता के रूप में विचार किया जाता है। ऐसे मामलों में, आपको बैंक द्वारा निर्दिष्ट न्यूनतम राशि को बनाए रखना पड़ता है।
5) प्रतिपूर्ति खाता: प्रतिपूर्ति खाता का प्रस्ताव कॉरपरेट के कर्मचारियों को दिया जाता है जिनका पहले से ही वेतन खाता होता है। कर्मचारी द्वारा वेतन के भुगतान के अलावा अन्य प्रतिमान इस खाते द्वारा की जा सकती है।
बैंक जीरो बैलेंस पर ही बचत खाता क्यों खोलते हैं? एक सवाल जो अक्सर उठता है: कि जीरो बैलेंस पर खाता खोलने से बैंक को क्या मिलता है। सामान्य कोर्स में, आप बैंक में हर महीने जो औसत राशि बनाए रखते हैं वो बैंक को मिलती है, लेकिन यहां आप पर कोई रख-रखाव प्रभार नहीं लगता और आपको चेक बुक भी मिलती है। यह बैंक के लिए कैसे लाभदायक है? वास्तव में, यह लाभदायक होता है। बैंक आपको अपने उत्पाद और सेवाएं जैसे होम लोन, कार लोन, पोर्ट्फोलोयो प्रबंधन, म्यूच्वल फंड और ऐसे पैसे बनाते हैं।
खाता यानी सैलरी अकाउंट शब्द वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए अंजान नहीं है। यह एक प्रकार का बैंक खाता है, जहां वेतन जमा होता है। जैसा कि बचत खाता किसी के भी द्वारा खोला जा सकता है, सैलरी अकाउंट मालिक द्वारा कर्मचारियों के लिए खोला जाता है। कर्मचारियों के वेतन के हिसाब से भिन्न-भिन्न वेतन खाते होते हैं। अगर HDFC बैंक की बात करें तो यहां, प्रीमियम वेतन खाता, नियमित वेतन खाता, डिफेंस वेतन खाता, वेतन क्लासिक हैं। यहां हम आपको वेतन खाते के बारे में 5 बातें बताते हैं:
1) जीरो बैलेंस खाता: इस खाते की खासियत यह है कि यह एक ऐसा वेतन खाता है जिसमें न्यूनतम राशि बनाए रखने की जरूरत नहीं होती। जहां कि अन्य खातों में न्यूनतम राशि बनाए रखना अनिवार्य होता है।
2) तरजीही सेवा और क्रेडिट कार्ड और ऋण की आसान उपलब्धता। ATM निकासी, ओवरड्राफ्ट सुविधा, डीमैट खाता आदि पर अन्य सेवाएं होंगी।
3) खाते में राशि पर कोई ब्याज भुगतान नहीं होता। वहीं बचत खाते में राशि पर 4 से 6 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है, जो कि बैंक पर निर्भर करता है कि आप कहां पर खोलते हैं।
4) परिवर्तनीयता: अगर वेतन 3 महीने तक क्रैडिट नहीं होती, तो इसे बचत खाता के रूप में विचार किया जाता है। ऐसे मामलों में, आपको बैंक द्वारा निर्दिष्ट न्यूनतम राशि को बनाए रखना पड़ता है।
5) प्रतिपूर्ति खाता: प्रतिपूर्ति खाता का प्रस्ताव कॉरपरेट के कर्मचारियों को दिया जाता है जिनका पहले से ही वेतन खाता होता है। कर्मचारी द्वारा वेतन के भुगतान के अलावा अन्य प्रतिमान इस खाते द्वारा की जा सकती है।
बैंक जीरो बैलेंस पर ही बचत खाता क्यों खोलते हैं? एक सवाल जो अक्सर उठता है: कि जीरो बैलेंस पर खाता खोलने से बैंक को क्या मिलता है। सामान्य कोर्स में, आप बैंक में हर महीने जो औसत राशि बनाए रखते हैं वो बैंक को मिलती है, लेकिन यहां आप पर कोई रख-रखाव प्रभार नहीं लगता और आपको चेक बुक भी मिलती है। यह बैंक के लिए कैसे लाभदायक है? वास्तव में, यह लाभदायक होता है। बैंक आपको अपने उत्पाद और सेवाएं जैसे होम लोन, कार लोन, पोर्ट्फोलोयो प्रबंधन, म्यूच्वल फंड और ऐसे पैसे बनाते हैं।
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